Best 100+ Waqt Shayari In Hindi

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Waqt Shayari in Hindi

Waqt Shayari 2022

शायद यह वक़्त हम से कोई चाल चल गया,
रिश्ता वफ़ा का और ही रंगों में ढ़ल गया,
अश्क़ों की चाँदनी से थी बेहतर वो धूप ही,
चलो उसी मोड़ से शुरू करें फिर से जिंदगी।


अगर जिंदगी में बुरा वक़्त ना आये,
तो हम अपनों में पराये और परायों
में अपने कभी नहीं ढूंढ पाएंगे।


वक्त अपनी अहमियत सबको सीखा देती है।


जनाब मालूम नहीं था की ऐसा भी एक वक़्त आएगा,
इन बेवक़्त मौसमों की तरह तू भी क्षणभर में यु बदल जायेगा।


हर रोता हुआ लम्हा मुस्कुराएगा,

तु सब्रा रख अपना भी वक्त आयेगा।।


दुनिया समझती है बेकार जिसे
वो खोटा सिक्का भी एक दिन चल जायेगा।
मंजिल चुन कर बढ़ चुका हूँ मैं
हौसले बढ़ रहे हैं मेरे, समय भी बदल जायेगा।


अभी तो थोडा वक्त हैं,
उनको आजमाने दो,
रो-रोकर पुकारेंगे हमें,
हमारा वक्त तो आने दो…


शायद यह वक़्त हम से कोई चाल चल गया,
रिश्ता वफ़ा का और ही रंगों में ढ़ल गया,
अश्क़ों की चाँदनी से थी बेहतर वो धूप ही,
चलो उसी मोड़ से शुरू करें फिर से जिंदगी।


कितना चालक है मेरा यार भी
उसने तोहफे मे घडी तो दी है
मगर कभी वक़्त नहीं दिया


वक़्त सभी को मिलता है ज़िन्दगी बदलने
के लिए पर ज़िन्दगी दोबारा नहीं मिलती
वक़्त बदलने के लिए।


वक्त की सबसे अच्छी बात ये है की ये वक्त पर ही चलती है और बदलती है।


वक़्त लगता है खुद को बनाने मे,
इसलिए वक़्त बर्बाद मत करो किसी को मानाने में।


वक्त ने थोड़ा सा साथ नहीं दिया तो लोगो ने,

काबिलियत पर शक करना शुरू कर दिया।।


अगर किसी को कुछ देना है तो
उसे अच्छा वक्त दो, क्योंकि
आप हर चीज़ वापिस ले सकते हो,
मगर किसी को दिया हुआ अच्छा वक्त
वापिस नही ले सकते


बुरा वक्त तो सबका आता हैं,
कोई बिखर जाता हैं कोई निखर जाता हैं…


वक़्त बदल जाता है इंसान बदल जाते हैं,
वक़्त वक़्त पे रिश्तों के अंदाज़ बदल जाते हैं,
कभी अपना तो कभी कर दिया पराया,
वक़्त की तरह ज़िंदगी के एहसास बदल जाते हैं।


जनाब मालूम नहीं था की ऐसा भी एक वक़्त आएगा,
इन बेवक़्त मौसमों की तरह तू भी क्षणभर में यु बदल जायेगा।


बुरे वक़्त में भी एक अच्छाई होती है,
जैसे ही ये आता है फ़ालतू के दोस्त
विदा हो जाते है.


Waqt Shayari Copy Paste Status

तू बस वक्त से दोस्ती कर बाकी सब तुमसे दोस्ती करेंगे।


बेवजह तुम्हें यु याद करना,
बेवजह दोस्तो को यु परेशान करना,
फिजूल ही था तुम पर वक्त बर्बाद करना।


अभी तो थोड़ा वक्त है उनको आजमाने दो,

रो रोकर पुकारेंगे हमे हमारा वक्त आने दो।।


ये वक्त गुजरता रहता है,
इंसान भी बदलता रहता है,
संभाल लो खुद को तुम जनाब,
वक्त खुद चीख कर कहता है।


वक्त तू कितना भी सता ले हमे लेकिन याद रख,
किसी मोड़ पर तुझे भी बदलने पर मजबूर कर देंगे…


चाहत रखने वाले मंज़िलों को दूर से ताकते नहीं,
बड़ा कर कदम थाम लिया करते हैं,
जिनके हाथों में हो वक़्त की कलम,
अपनी किस्मत वो खुद ही लिखा करते हैं।


ऐ बुरे वक्त, जरा अदब से पेश आ,
वक्त नही लगता वक्त बदलने में।


समय हमेशा आपके साथ होता है,वह
बुरा या अच्छा यह आपके कर्म तय करते है।


अगर आज आप वक्त की अहमियत देते है तो,

कल वक्त आपकी अहमियत सबको बता देगी।


लगा कर हमे आदत अपनी इस मोहब्बत की अब,
कहते हो दूर रहो हमसे मेरे पास वक़्त नही अब।


 कुछ इस तरह से सौदा किया मुझसे मेरे वक्त ने,

तजुर्बे देकर वो मुझसे मेरी नादानियां ले गया।।


कभी गम, कभी खुशी
ये जिंदगी का खेल है
जीवन की पटरी पर दौड़ती
ये वक्त नामक रेल है


वक़्त बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती,
जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है.


न जाने क्यों वक़्त इस तरह गुजर जाता है,
जो वक़्त बुरा है वो पलट के सामने आता है,
और जिस वक़्त को हम दिल से पाना चाहते हैं,
वो तो बस एक लम्हा बनकर बीत जाता है।


बुरा हो वक्त तो सब आजमाने लगते हैं
बड़ो को छोटे भी आँखे दिखाने लगते हैं
नये अमीरों के घर भूल कर भी मत जाना
हर ek चीज की कीमत बताने लगते हैं


समय से बड़ा गुरु, दानी, बलवान,
इस संसार में कोई नहीं है।


वक्त वो होता है जो हर सवाल का जवाब दे देता है।


वक्त वो होता है जो हर सवाल का जवाब दे देता है।


हम वक्त को भी रोक लेंगे,

तुम बेवक्त मिलना तो शुरू करो।।


रोने से किसी को पाया नहीं जाता,
खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता,
वक़्त सबको मिलता है ज़िन्दगी बदलने के लिए
पर ज़िन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए.


 जब आप का नाम जुबान पर आता हैं,
पता नहीं दिल क्यों मुस्कुराता हैं,
तसल्ली होती है मन को कोई तो है अपना,
जो हँसते हुए हर वक्त याद आता हैं…


ऐ बुरे वक्त, जरा अदब से पेश आ,
वक्त नही लगता वक्त बदलने में।


काश इस गुमराह दिल को ये मालूम होता कि,
मोहब्बत उस वक्त तक ही दिलचस्प होती है
जब तक नहीं होती है।।


वक़्त जैसे ही बुरा आया पता
लग गया कौन अच्छा था और
कौन बुरा था।


रूठने मनाने में क्या होगा,

वक्त बर्बाद होगा,

और कुछ नहीं होगा।


खफा हम किसी से नहीं जनाब बस जरा वक़्त की कमी है,
आसमान में उड़ने का एक ख्वाब है और पैरों तले जमीं है।


 शौक से आए अगर बुरा वक्त आता है,

हम को हर हाल में जीने का हुनर आता है।।


उनका भरोसा मत करों,
जिनका ख्याल वक्त के साथ बदल जाएँ,
भरोसा उनका करो जिनका ख्याल वैसे ही रहे,
जब आपका वक्त बदल जाए.


जिन्दगी में अगर बुरे वक्त नही आते
तो अपनों में छुपे गैर,
और गैरों में छुपे हुए अपने
कभी नजर नही आते…


वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है,
खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी।


हर वक्त मेरा वहम नहीं जाता,
एक बार और कह दो की तुम मेरे हो।।


समय की परीक्षा कठिन जरूर होती है,
लेकिन परिणाम आपके हाथों में होता है।


अपने यादों को सम्भाल के रखो,

 वो वक्त बेवक्त आ जाया करती है।


आँखो में यु समन्दर लिए किनारे कि तलाश में हूँ,
इस वक्त को वक्त देकर वक्त पाने कि आस में हूँ।


 किसी के बुरे वक्त पर हंसने की गलती मत करना,

ये वक्त है जनाब चेहरे याद रखता है।।


सँवारा वक्त ने उसको जिसने
वक्त का सही मतलब समझा,
वरना वक्त का महत्व क्या हैं ये तो
बस वक्त का मारा ही बता सकता हैं।


जो रोऊंगा तो पलकों पे नमी रह जायेगी,
ज़िन्दगी बस नाम की जिन्दगी रह जायेगी,
ये नहीं कि तुम बिन जी न पाउँगा,
हाँ मगर जिन्दगी में हर वक्त एक तेरी कमी रह जायेगी…


वक़्त अजीब चीज़ है वक़्त के साथ ढल गए,
तुम भी बहुत करीब थे अब बहुत बदल गए।


ज़िन्दगी की जरूरतें समझिए वक्त कम है फरमाइश लम्बी हैं,
झूठ-सच, जीत-हार की बातें छोड़िये दास्तान बहुत लम्बी है।।


वक़्त-वक़्त का खेल है जो कल तक
आप-आप करते थे आज तू-तू करते हैं।


हम बड़े खुश नसीब है,

हमारे सामने वक्त बदले,

पर हमारे यार ना बदले।


वक़्त के साथ वक़्त से ही लड़ रहें है,
वक़्त के ही खेल में वक़्त से आगे निकल रहें है।


 उस वक्त इंतजार का आलम ना पूछिए,

जब कोई बार बार कहे आ रहा हूं में।।


वक्त की यारी तो
हर कोई कर लेता है,
मजा तो तब है जब
वक़्त बदले और यार न बदले।


वक्त नूर को बेनूर कर देता हैं,
छोटे से जख्म को नासूर कर देता हैं,
कौन चाहता हैं अपनों से दूर होना,
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता हैं…


कहते हैं उम्र-ए-रफ्ता कभी लौटती नहीं,
जा मैकदे से मेरी जवानी उठा के ला।


वक्त बदलते देर नहीं लगती,
ये सब कुछ भुला भी देता है सिखा भी देता है।।


बुरा वक़्त आने पर जब अपनों ने हमे गैर
कर दिया तब जाके गैरों ने हमे हमारे
अपनों से ज्यादा अपनापन दिखाया।


अपनों की बातें सुनता हूँ,

अपनी बुराई सुनता हूँ,

और सब वक्त पर छोड़ देता हूँ।


इस वक़्त का मारा हु जनाब,
वक़्त पलटने की राह देख रहा हूं,
कभी मै भी शेर था अपने उस जंगल का,
पर आज वक़्त का शिकार हो गया हूं।


 किस हक से मांगू अपने हिस्से का वक्त आपसे,

क्योंकि ना आप मेरे ओर ना ही वक्त मेरा।।


अगर रोई हैं आखे समय के साथ
तो मौका मिलगा इसे मुस्कुराने का भी
ये वक़्त हैं बदलता हैं
पर वक़्त लेकर बदलता हैं


तलाश है एक ऐसे शख्स की,
जो आँखों में उस वक़्त दर्द देख सके,
जब सब लोग मुझसे कहते हैं,
क्या बात है हमेशा हँसती रहती हो…


ये मोहब्बत का फ़साना भी बदल जायेगा,
वक़्त के साथ जमाना भी बदल जायेगा।